इस समय कश्मीर में हिन्दू और सिख दोनों सबसे ज़्यादा ख़ुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जबकि तब कम से कम दोनों समुदायों के 50 लोगों को अलग-अलग दो जनसंहारों में मार दिया गया था। इस जनसंहार में दोनों ही समुदायों से एक एक लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया है।हाल ही में कश्मीर में सात आम नागरिकों की हत्या हुई, जिसके बाद ये डर फैलने लगा है कि कहीं घाटी में एक बार फिर 1990 के दशक जैसी स्थिति न पैदा हो जाए। उस दौर में हज़ारों की संख्या में कश्मीरी पंडित घाटी में अपना घर-बार छोड़कर पड़ोसी राज्यों में जा बसे थे। क्योंकि तब उनको घर से निकाल कर मार दिया जाता था, इसबार उन्हें घरों, स्कूलों से निकाल कर मारा जा रहा है।साल 1990 में घाटी में चरमपंथ बढ़ी और लोगों को मार दिया जाता था ।जिसके बाद केवल 800 कश्मीरी पंडितों के परिवार ही ऐसे थे, जिन्होंने यहां से न जाने का फ़ैसला किया।आज कश्मीर में फिर वही स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
Reported by – Brijendra Pratap Singh
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