पूरा महाराष्ट्र (Maharashtra) कुदरत के आगे लाचार है। तेज बारिश के बाद महाराष्ट्र के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं । कहीं सड़कों पर नाव चली तो कहीं बचाव के लिए हेलीकाप्टर की मदद लेनी पड़ी । कही सड़क तो कहीं रेल यातायात ठप हो गया ।
लोणावला मे रेल्वे ट्रेक पर चट्टान खिसकने से मुम्बई (Mumbai) पुणे का रेल यातायात पूरी तरह से ठप है। मलबा इस कदर बिखरा है कि उसे हटाने में 2 से 3 दिन का वक्त लगेगा।
कसारा घाट में भी रेल्वे ट्रेक और सड़क पर चट्टान गिरने से रेल और सड़क यातायात पूरी तरह ठप है। जिसके चलते उत्तर महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में बादल फटने से कर्जत, खोपोली, नागोठणे और महाड़ जैसे शहर जलमग्न हो गए हैं।
रत्नागिरी जिले में काजली और मुचकुंदी नदियाँ उफान पर हैं।कर्जत
तहसील की उल्हास नदी उफान पर है।यहां बाप बेटी बाढ़ में बह गए।
महाराष्ट्र के ज्यादातर बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। पुणे का खड़कवाला डैम फुल हो चुका है। चांदोली में डैम लबालब भरने के बाद 4 हजार क्यूसेक पानी मैदानी इलाको में छोड़ना पड़ा। कर्नाटक से भी महाराष्ट्र में पानी छोड़ने की खबरों से महाराष्ट्र सदमे में है।
भिवंडी में बारिश (Rain) का पानी लोगों के लिए खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। दो हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा।
reported by : हितेंद्र पवार
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