Rapist’s Marriage : सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण और चर्चित मामले में बलात्कार के दोषी की सजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह फैसला तब लिया गया जब आरोपी युवक ने पीड़िता से विवाह करने की इच्छा व्यक्त की और दोनों पक्षों ने सहमति से इस विवाह की इच्छा कोर्ट के समक्ष जाहिर की। मामला मध्य प्रदेश का है, जहां आरोपी ने एक युवती से शादी का झांसा देकर संबंध बनाए थे, जिससे बाद में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया।
सत्र न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे सजा सुनाई थी। हालांकि, जब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, तब आरोपी ने यह प्रस्ताव रखा कि वह पीड़िता से विवाह करना चाहता है। पीड़िता ने भी कोर्ट के समक्ष सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि वह आरोपी से विवाह करने को तैयार है। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे को फूल देकर अपनी सहमति भी सार्वजनिक रूप से व्यक्त की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह निर्णय दोनों की स्वतंत्र इच्छा पर आधारित है। (Rapist’s Marriage)
सुप्रीम कोर्ट ने इस विशेष परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा कि जब दोनों पक्ष आपसी सहमति से विवाह के लिए तैयार हैं, तो ऐसे में आरोपी की सजा को फिलहाल स्थगित किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला विवाह की वास्तविकता और भावी स्थिति पर भी निर्भर करेगा।
हालांकि, इस फैसले को लेकर सामाजिक और कानूनी जगत में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला अधिकार संगठनों ने इस पर चिंता जताई है कि क्या बलात्कार जैसे गंभीर अपराध में विवाह को समाधान माना जा सकता है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यदि दोनों पक्षों की सहमति से एक नया जीवन शुरू करने की इच्छा है, तो कानूनी प्रणाली को भी मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। (Rapist’s Marriage)
यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में बलात्कार और सहमति जैसे मुद्दों पर चर्चा को भी एक बार फिर केंद्र में ले आता है। अब देखना होगा कि आगे इस विवाह की प्रक्रिया और उसका परिणाम किस दिशा में जाता है।
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