Saif Ali Khan : अभिनेता सैफ अली खान अपनी मेडिकल इंश्योरेंस के कारण मुश्किलों में फंस सकते हैं। 16 जनवरी को हुए हमले के बाद पांच दिनों तक सैफ अली खान का इलाज मुंबई के लीलावती अस्पताल में किया गया। इस दौरान उनकी मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी “निवा बुपा” ने त्वरित रूप से उनका मेडिक्लेम मंजूर किया। लेकिन अब कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों ने भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) को एक पत्र लिखा है, जिसमें सैफ को विशेष प्राथमिकता दिए जाने की शिकायत की गई है।
25 लाख रुपये का कैशलेस इलाज मंजूर
सैफ अली खान पर वांद्रे स्थित उनके आवास पर बांगलादेशी चोर द्वारा चाकू से हमला किया गया था। इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और दो सर्जरी की गई। इस उपचार के लिए उनका मेडिक्लेम जल्दी ही मंजूर किया गया था। सोशल मीडिया पर इस संदर्भ में दस्तावेज भी वायरल हुए थे, जिनके अनुसार सैफ के इलाज के लिए 36 लाख रुपये के कैशलेस इलाज का आवेदन किया गया था। हालांकि, बीमा कंपनी ने 25 लाख रुपये के कैशलेस इलाज को मंजूरी दी। निवा बुपा ने बताया कि प्री-ऑथोराइजेशन रिक्वेस्ट मंजूर कर दी गई है और बाकी राशि नियमों के अनुसार दी जाएगी। (Saif Ali Khan )
चिकित्सा संघ का IRDAI को पत्र
मुंबई के चिकित्सा सलाहकार संघ ने IRDAI को एक पत्र भेजा है, जिसमें सैफ अली खान को दिए गए विशेष उपचार पर आपत्ति जताई गई है। संघ ने कहा, “अभिनेता सैफ अली खान को उनके बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपये के कैशलेस उपचार की मंजूरी दिए जाने पर हम अपनी चिंता और आपत्ति व्यक्त करना चाहते हैं। सैफ को दी गई विशेष प्राथमिकता अन्य बीमाधारकों से अलग थी।”
विशेष प्राथमिकता देने की चिंता
संघ ने यह भी कहा कि सैफ अली खान प्रकरण से यह असामान्य ट्रेंड दिखता है कि सेलिब्रिटी और कॉर्पोरेट बीमा धारकों को उनके सामाजिक स्थान के आधार पर विशेष प्राथमिकता दी जाती है, जबकि सामान्य नागरिकों को कम बीमा सुरक्षा और कम चिकित्सा उपचार रिफंड की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। (Saif Ali Khan)
सभी को समान बीमा सुरक्षा मिलनी चाहिए
संघ ने कहा, “विमे के माध्यम से सभी को समान सुरक्षा मिलनी चाहिए। किसी को भी उसके सामाजिक स्थान के आधार पर प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए। सेलिब्रिटीज को विशेष प्राथमिकता देने से बीमा क्षेत्र में दो तरह की नीतियां बन जाएंगी, जो बीमाधारकों के अधिकारों के खिलाफ होगा। इसलिए, बीमा दावों और कैशलेस उपचारों में अधिक पारदर्शिता होनी चाहिए।”
IRDAI से समान व्यवहार की मांग
इस मामले में, चिकित्सा संघ ने IRDAI से विशेष रूप से ध्यान देने और जांच करने का आग्रह किया है ताकि सभी बीमाधारकों को उनके सामाजिक स्थान की परवाह किए बिना समान व्यवहार मिले। इसके साथ ही बीमा मंजूरी के दौरान विशेष प्राथमिकता देने या विशेष व्यवहार के खिलाफ नियम बनाए जाने की आवश्यकता की भी बात की गई है। अब देखना यह होगा कि IRDAI इस पर क्या कदम उठाता है।
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