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महाराष्ट्र के सातारा जिले की बाढ़ के कारण स्थिति बेहद खराब

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महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से आफत की बारिश हुई है। जिसके कारण राज्य के कई जिलों में बाढ़ आ चुकी है। वहीं पश्चिम महाराष्ट्र के सांगली (sangali)जिले में भी स्थिति चिंताजनक है। सांगलीकर और कृष्णा नदी के किनारे का खतरा और भी बढ़ गया है। कृष्णा नदी का जलस्तर 54.5 फीट पहुंच गया है। 2005 के 53 फुट के बाढ़ स्तर को भी रात में नदी पार कर चुकी है। सिंचाई विभाग का अनुमान है कि जलस्तर के 52 फुट तक बढ़ने के बाद स्तर स्थिर हो जाएगा। लेकिन ये अनुमान गलत निकला। अब सांगलीकर देख रहे हैं कि 54 फीट पर जलस्तर स्थिर रहेगा या और बढ़ेगा।

फिलहाल सांगली का आधा हिस्सा बाढ़ के पानी में डूब गया है। वहीं सांगली नगर आयुक्त के आवास पर भी पानी भर गया है। सांगली नगर आयुक्त का आवास बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। 2019 की बाढ़ ने कमिश्नर के बंगले को भी चपेट में ले लिया था। उसके बाद बंगले की बड़े पैमाने पर मरम्मत की गई।

इस बीच, बाढ़ में नदी के कारण पंपिंग स्टेशन जलमग्न हो गया है। वहीं शहर के विश्रामबाग और कुपवाड़ इलाकों में नागरिकों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा दूध की भी कमी है। नदी के किनारे अधिकांश लोग शहर के विश्रामबाग, कुपवाड़ और मिराज के कुछ हिस्सों में चले गए हैं।

सांगली के संरक्षक मंत्री जयंत पाटिल ने कहा है कि कृष्णा नदी का जलस्तर 52 से 54 फुट तक जाएगा और यह स्थिर रहेगा।
नागरिकों को पलायन करना चाहिए। अगर बारिश हुई तो हालात फिर से बिगड़ सकते हैं। अलमट्टी से सही समय पर डिस्चार्ज सही है लेकिन कोयना बांध सहित कृष्णा नदी बेसिन क्षेत्र में एक दिन में भारी बारिश हुई है। इस वजह से कोयना डैम से बड़ी मात्रा में पानी डिस्चार्ज करना पड़ रहा है। जयंत पाटिल ने कहा है कि राज्य में बाढ़ की स्थिति और इस मुश्किल भरे वक़्त में महाविकास अघाड़ी सरकार लोगों के साथ है।

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