शिक्षा क्षेत्र से हमेशा आवाज उठती है कि छात्रों को नौकरी मांगे बिना नियोक्ता बनना चाहिए, लेकिन छात्रों को किताबों के साथ-साथ व्यावहारिक शिक्षा देने की जरूरत भी बड़े पैमाने पर पैदा की गई है। इस जरूरत को समझते हुए, धुले शहर में आदर्श शिक्षक संचालन आश्रम स्कूल ने छात्रों के लिए विभिन्न गतिविधियों को लागू किया है। इस स्कूल के छात्रों ने जैविक खेती से फल और सब्जियों का उत्पादन लिया है और इससे होने वाले लाभ का उपयोग छात्रों की शिक्षा के लिए किया जाता है। जो दृश्य आप देख रहे हैं वह किसी बाल मजदूर या खेतों में काम करने वाले ग्रामीण बच्चों का नहीं है बल्कि यह धुले के आदर्श शिक्षण संस्था संचल आश्रम स्कूल में जैविक खेती कर रहे छात्रों का दृश्य है।
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