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महाराष्ट्र में 15 जून से ऑनलाइन शुरू होगी इस साल की पढ़ाई

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अक्टूबर से पहले स्कूलों का खुलना मुश्किल, मंत्रालय ने दिए संकेत

विद्यालय (School) में 15 जून से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो रही है। कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए नए सैशन की शुरुआत ऑनलाइन होगी। सुविधाओं के अभाव में नए सैशन में कोई छात्र शिक्षा के अधिकार से बचा न रहे इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

विद्यार्थियों की सुविधा के मुताबिक, विद्यालय ऑनलाइन क्लास का वक्त तय कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए कोई गाइडलाइंस जारी नहीं करने के वजह से शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

गुरु तेग बहादुर नगर के गुरु नानक हायर सेकंडरी स्कूल की प्रिंसिपल माधवी नाइक ने कहा है कि, कोरोना ने शिक्षा के तौर तरीकों को बहुत बदल दिया है। पिछले वर्ष सुविधा के अभाव के चलते अधिक से अधिक से विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में कठिनाइयां हुई थी। 2020 के अनुभव से सबक लेते हुए विद्यालय ने नए शैक्षणिक सत्र की तैयारी की। ऑनलाइन क्लास का समय विद्यार्थियों की सुविधा के मुताबिक तय किया गया है। क्लास के दौरान अभिभावकों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए कुछ कक्षाओं की ऑनलाइन क्लास का समय शाम 5 से 7 बजे रखा गया है।
कोरोना संकट में रोजाना स्कूल में करीब 5 से 6 घंटे तक क्लास चलती थी। शिक्षा के बदले तरीके के चलते पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक ऑनलाइन क्लास डेढ़ से दो घंटे की होगी। 15 से 20 मिनट का विडियो या पीडीएफ के तौर पर स्टडी मटेरियल उपलब्ध करवाया जाएगा।

छठवीं से दसवीं कक्षा के लिए ऑनलाइन क्लास ढाई से तीन घंटे की होगी। विद्यार्थियों नोट्स पीडीएफ बनाना कर भेजा जाएगा।

विद्यार्थियों का मार्क्स लिखे के लिए समय-समय पर उनको ऑनलाइन के जरिए असाइनमेंट दिया जाएगा। हिंदी विद्या प्रचार समिति के प्रमुख डॉ. राजेन्द्र सिंह ने कहा है कि, नए शैक्षणिक सत्र शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है।

ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों क्लास के लिए टीचर तैयार है। उनको सरकार की गाइडलाइंस का इंतजार है, जो नियम तय किये जाएगा, उसके मुताबिक क्लास चलेगी।

टीचर डेमोक्रेटिक फ्रंट के उपाध्यक्ष राजेश पंड्या के मुताबिक, कोरोना के वजह से शिक्षा की पद्धति बदल गई है। इस वजह से सैशन आरंभ करने से पहले शिक्षा विभाग को 2021-22 के लिए वार्षिक नियोजन की घोषणा करनी चाहिए थी। इसके तहत ऑनलाइन क्लास, परीक्षा, छुट्टी एवं शिक्षकों की उपस्थिति के बारे में दिशा आदेश जारी करने चाहिए थे। लेकिन गाइडलाइंस जारी नहीं होने के वजह से शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। गाइडलाइंस के आधार पर ही हर साल विद्यालय के प्रिंसिपल साल भर का वार्षिक नियोजन करते हैं।

Report by : Aarti Verma

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