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नासिक नगरनिगम को डरा रहा तीसरी लहर का खतरा!

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कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) की दहशत आज भी नासिकवासियों के दिल में ताजा है। अब नासिक में फिर से दूसरी लहर जैसी स्थिति को उत्पन्न होने से रोकने के लिए नगरनिगम ने कमर कस ली है। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए नगरनिगम ने 12 हजार 518 बेड तैयार किए गए हैं। जिनमें 7 हजार 109 ऑक्सीजन बेड और 679 वेंटिलेटर हैं। शहर के सभी नगर निगम और निजी अस्पतालों में यह व्यवस्था की गई है।

कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े थे। हालांकि कई परिजनों को फिर भी ऑक्सीजन नहीं मिला था। इसे देखते हुए प्रतिदिन 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग, तीसरी लहर के दौरान चार गुना बढ़ जाएगी। ऑक्सीजन उत्पादन के लिए नगरनिगम ने पहल की है। इसके लिए 22 प्लांट लगाए गए हैं।

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा होने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल, इस डर का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। हालांकि एनएमसी ने नासिक रोड स्थित नए बिटको अस्पताल में 100 बेड का कोविड रूम बनाया गया है। नवजात शिशुओं के लिए पांच वेंटिलेटर हैं। इसके साथ ही अन्य निजी अस्पतालों में भी सुविधाएं स्थापित की गई हैं, जहां 300 बेड आरक्षित किए गए हैं। दोनों स्थानों पर बाल रोग विशेषज्ञों की एक टीम भी होगी।

हालांकि नासिक में हर दिन कोरोना के मरीज कम हो रहे हैं। फिर भी तीसरी लहर आशंका बनी हुई है। हालांकि इसके बावजूद नागरिकों को बिना किसी हिचकिचाहट के घूमते हुए देखा जा सकता है। पंचवटी, द्वारका, मुंबईनाका, कॉलेज रोड, गंगापुर रोड, अशोक मार्ग और मुख्य बस स्टैंड क्षेत्र में ज्यादातर लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं। मास्क का इस्तेमाल आजकल कम ही होता है, कई जगहों पर भीड़ दिखाई देती है। शहर में कई तरह के आंदोलन भी चल रहे हैं। इसे देखते हुए अगर तीसरी लहर आती है तो, निश्चित तौर पर इससे जूझना मुश्किल काम होगा।

Report by : Rajesh Soni

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