कोरोना (Corona) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने पैदल यातायात को प्रतिबंधित कर दिया है। नतीजतन, वारकरी गुस्से में हैं और सड़कों पर उतरने की बात कह रहे हैं। हभप बंडू को नजर कैद में रखा गया है। उन्हें नजर कैद से बाहर निकालने और वारकरियों को अनुमति देने के लिए 17 तारीख को विश्व हिंदू परिषद और वारकारी सम्प्रदाय आंदोलन करने जा रहे हैं। यह आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में भी किया जाएगा। ऐसी जानकारी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी गई है।
मुख्यमंत्री वारकरी नहीं हैं, इसलिए उन्हें आषाढ़ी एकादशी पर पांडुरंगा जाने की जरूरत नहीं है। अगर वारकरी ही दर्शन नहीं ले सकते तो, मुख्यमंत्री का वहां क्या काम? मुख्यमंत्री को अपने अधिकारों का इस्तेमाल करना चाहिए।
Report by : Rajesh Soni
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