2019 में जब देश मे लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी तब हर जगह सन्नाटा पसर गया था। तब तो मानो ऐसा लग रहा था जैसे की किसी को ना ही कोई काम है और ना ही कोई उनको बाहर जाने की आवश्यकता है। लॉकडाउन शुरू होते ही गाड़ियों की आवाजाही भी कम हो गई थी जिसके कारण हवा में फैलने वाले प्रदूषण भी कम हो गए थे। जिससे दूर दूर के दृश्य भी एक दम साफ दिखाई देने लगे थे।
हालांकि अब हर जगह लॉकडाउन पर अंकुश लगा दिया गया है और अनलॉक भी हो चुका है तो लोगों की आवाजाही भी शुरू हो गई है और वाहनों की संख्या भी रोड पर काफी बढ़ गए है। इसी को लेकर दिल्ली सरकार ने फिर से ऑड इवन और अब गाड़ी ऑफ कार्यक्रम पर जोर दिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि वे ऑड इवन और ऑफ गाड़ी की मुहिम का पालन करे। आपके बता दे ऑड इवन मुहिम यानी की ऑड नंबर वाली वाहनों के लिए दिन तय किए जाएंगे और इवन नंबर की गाड़ियों के दिन तय किए जाएंगे और जिस दिन जिस गाड़ी के दिन तय किए जाएंगे उस दिन वही गाड़ियां बाहर निकल सकती हैं। और ऑफ गाड़ी यानी कि यदि सिग्नल लगने पर या फिर जरूरत ना होने और रेड लाइट ऑफ बंद करे तो भी साल में 250 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है और साथ ही 13 से 20 % पॉल्युशन कम हो सकता है।

आपको बता दे कि यह हाल सिर्फ दिल्ली का ही नहीं है भले ही दुनिया मे दिल्ली पॉल्युशन के मामले में नंबर 1 पर है तो देश की बात करे तो देश में मुम्बई पॉल्युशन के मामले में 2 नंबर पर आता है। 2021 की रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक लॉकडाउन के कारण हवा में पॉल्युशन कम होने के बाद भी मुंबई में 2020 में 25,000 मौतें सिर्फ पॉल्युशन के कारण दर्ज हुई थी। जिससे शहर में आर्थिक उत्पादकता में 3.7 अरब डॉलर की लागत आई थी।
अभी भले ही दिल्ली इसमें सुधार लाने का प्रयत्न कर रही हैं और लोगों से अपील कर रही है कि प्रदूषण कम करें। तो मुंबई को भी इस पर ध्यान देने की सख्त जरूरत हैं।

Reported by – Sakshi Rajesh Sharma

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