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एक बेटा हिन्दू एक मुस्लमान, माँ के अंतिम संस्कार को लेकर भिड़े दोनों

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अपनी माँ की मौत किसी के लिए भी सदमें से कम नहीं होती। कोई कभी भी अपनी माँ से दूर नहीं होना चाहता लेकिन ये संसार का नियम है और इस वजह से अपनी माँ को अंतिम संस्कार में अग्नि देना एक बेटे का कर्तव्य होता है। लेकिन फिलाल देश भर में अपनी माँ की अंतिम संस्कार को लेकर एक हिन्दू और एक मुस्लिम भाई की लड़ाई सामने आई है।

बिहार के लखीसराय में रहनेवाली मुस्लिम महिला राइका खातून ने अपने पहले पति और दो बेटे को छोड़कर एक हिंदू पुरुष से शादी की थी। शादी के बाद उनका नाम बदलकर रेखा देवी रख दिया गया। वह पिछले 40-45 साल से अपने ब्राह्मण पति के साथ लखीसराय के जानकी गांव में रह रही थी. उनकी मौत के बाद दोनों बेटों के बीच विवाद शुरू हो गया। मुस्लिम बेटी के अनुसार स्त्री के शव को दफनाया जाना चाहिए, जबकि हिंदू पुत्र के अनुसार मुखाग्नि देनी चाहिए। विवाद बढ़ने पर आखिरकार पुलिस बुलानी पड़ी।पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को संभाला। पुलिस ने दोनों ही बेटो समझाया बुझाया और फिर आखिर में राइका यानी रेखा देवी का शव उनके बेटे बबलू झा को सौंप दिया जिसके बाद उनका हिन्दू रीती-रिवाज़ ऐसे अंतिम संस्कार किया गया।

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