मुम्बई से सटे नवी मुम्बई के एक स्कूल पर एडमिशन देने के लिए डोनेशन लेने का आरोप लगा है। जिसके बाद अभिभावकों ने शिक्षण राज्य मंत्री बच्चू कडू के पास शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि नवी मुम्बई के नेरुल में एपीजे स्कूल के प्रिंसिपल और संस्था चालक ने स्कूल में प्रवेश के लिए पेरेंट्स से 1,22,201 रुपये और 6,457 रुपये का डीडी ऑनलाइन स्वीकार किया था।
महाराष्ट्र शैक्षिक संस्थान (प्रतिबंधित शुल्क का निषेध) अधिनियम 1987 के तहत, अनुदान प्राप्त या बिना सब्सिडी वाले स्कूल में प्रवेश के लिए डोनेशन स्वीकार करना अपराध है। अभिभावक अजय तपकीर ने अपनी बेटी कथा तपकीर को प्रवेश दिलाने डोनेशन दिया था। जिसके बाद शिकायत दर्ज करते वक़्त पेरेंट्स ने डीडी की जेरोक्स और स्कूल में प्रवेश किये गए ऑनलाइन भुगतान के रिकॉर्ड की कॉपी सबूत के तौरपर जमा कराए हैं।
एपीजे स्कूल नेरुल के प्रिंसिपल और संस्था चालक के खिलाफ महाराष्ट्र एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (कैपिटेशन फीस का निषेध) एक्ट 1987 के गुनहा दायर कर और अभिभावकों के पैसों को वापस करने की मांग प्रहार विद्यार्थी संघटन के अध्यक्ष मनोज टेकाडे ने की है।
महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने जानकारी दी थी कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद निजी स्कूल की फीस में 15 प्रतिशत की कमी करने का निर्णय लिया गया है।सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को दिए गए मानदंडों के अनुसार महाराष्ट्र में निजी स्कूलों की फीस कम करने का फैसला किया है। वर्षा गायकवाड़ ने अभिभावकों से 85 फीसदी स्कूल फीस भरने की अपील की थी।माता-पिता को बहुत उम्मीदें थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से छात्रों और अभिभावकों को राहत मिलेगी।
Reported By – Rajesh Soni
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