देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई (Mumbai) को अब कोरोना (Corona) के बाद ब्लैक फंगस यानी म्योरोमाइकोसीसी का डर सता रहा है। कोरोना (Corona) को मात दे चुकें मुम्बईकर अब जानलेवा ब्लैक फंगस (Black Fungus) का शिकार हो रहे हैं। हालांकि अभी मुम्बई में ब्लैक फंगस के मामले बहुत ज्यादा नहीं है। पर दूसरे राज्यों से मुम्बई आ रहें लोगों के बाद शहर में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ गया है।
इसका अनुमान बृहन्मुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी के मुख्य अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों की संख्या से लगाया जा सकता है। बीएमसी के प्रमुख अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के 95 प्रतिशत मरीज मुम्बई के बाहर से हैं। इन मरीजों में ज्यादातर पेशेंट महाराष्ट्र के नासिक, धुले और जलगांव जिले से वास्ता रखते हैं।
बता दें कि, जानलेवा कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीज अब ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान भी ब्लैक फंगस के केस सामने आए थे, लेकिन इनकी संख्या बेहद कम थी। पर दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के बढ़ते आंकड़ों ने सरकार को परेशान कर दिया है।
प्रतिदिन दो से तीन मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आने के बाद अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। मुम्बई के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 150 से ज्यादा मरीज इलाज करवा रहे हैं। इन अस्पतालों में नायर, सायन, केईएम और कूपर शामिल है।
Report by : Rajesh Soni
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