महाराष्ट्र (Maharashtra) में जल्द मॉनसून सत्र शुरू होने वाला है। इस सत्र में विपक्ष राज्य सरकार को मराठा, ओबीसी और प्रमोशन में एसएसटी आरक्षण जैसे मुद्दे को लेकर घेरने की कोशिश करेगा। इन परिस्थितियों को देखकर ही कहा जा सकता है कि यह सत्र धमाकेदार रहेगा। अब इस सत्र को लेकर विधानपरिषद में विपक्षी दल के नेता प्रवीण दरेकर का बयान भी आया है।
प्रवीण दरेकर ने मॉनसून सत्र को लेकर कहा कि, ‘यदि अधिवेशन लंबा हुआ तो, विस्तृत चर्चा की जा सकेगी। हमने राज्य सरकार को कई मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए मजबूर किया। कोरोना अब नियंत्रण में आ रहा है। अधिवेशन में उपस्थित होने वाले ज्यादातर नेता और विधायकों ने वैक्सीनेशन लगवा ली है। तो फिर कोरोना का कारण बताकर अधिवेशन लाने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘कोरोना आज नहीं तो कल बढ़ेगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। परंतु अधिवेशन पहले शुरू करने से कोरोना के आंकड़ों पर असर पड़ सकता है। इस समय कई अहम मुद्दे राज्य की जनता के सामने हैं। ओबीसी आरक्षण का मुद्दा एजेंडे में है, मराठा आरक्षण को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन चल रहा है। पदोन्नति आरक्षण को लेकर दलित समुदाय में आक्रोश है। वहीं सामाजिक विषयों पर भी चर्चा होगी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि, ‘डेढ़ साल की अवधि में, राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। इसलिए एक बार फिर आम आदमी का धंधा तो चल रहा है। पर रोजी-रोटी के कामों से स्थिरता लाने की जरूरत है। बीजों के अतिरिक्त कीमतों के साथ-साथ कोंकण के संबंध में प्रश्न है। कोंकण आज चक्रवात से तबाह हो गया है।
इन सभी सवालों पर मॉनसून सत्र में चर्चा करने की जरूरत है।
वहीं उन्होंने कहा कि, ‘जिस आधार पर सरकार के लिए निर्णय लेना आसान हो। हम चाहते हैं कि राज्य सरकार बिना किसी खामी के अधिक से अधिक दिनों तक सत्र का आयोजन करें। 15 दिनों से ज्यादा सत्र को आयोजित करने की जरूरत है। हमारी पार्टी की बैठक कल होगी। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और मैं कल की बैठक में तय करेंगे कि इस बार का सत्र कितने दिनों के लिए आयोजित किया जाए।
Report by : Rajesh soni
Also read : मुंबई में मंदिर बंद होने की वजह से फूल वालों की आर्थिक स्थिति खराब