Coastal road : मुंबई के नागरिकों को इस साल के गणतंत्र दिवस पर एक बड़ा तोहफा मिला है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों कोस्टल रोड और वरली-वांद्रे सी लिंक को जोड़ने वाले पुल का उद्घाटन किया गया। इस पुल के निर्माण से मुंबईकरों को मरीन ड्राइव से बांद्रा तक का सफर अब सिर्फ 15 मिनट में तय करना संभव हो जाएगा। इस नई परियोजना से मुंबई की यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा और ट्रैफिक जाम की समस्या में भी कमी आएगी।
उद्घाटन समारोह और सुविधाएँ
उद्घाटन समारोह के दौरान, हेलिकॉप्टर से पुष्पवृष्टि की गई और मुख्यमंत्री ने स्वयं अपनी कार में इस प्रकल्प का निरीक्षण किया। इस मौके पर उनके साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, और मंत्री आशिष शेलार भी मौजूद थे। पुल का उद्घाटन आज (26 जनवरी 2025) हुआ है, लेकिन 27 जनवरी से इस मार्ग पर यातायात शुरू हो जाएगा। यह पुल प्रत्येक दिन सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक खुले रहेगा। (Coastal road)
कोस्टल रोड प्रोजेक्ट और इसके फायदे
मुंबई के दक्षिणी क्षेत्र से लेकर उत्तर मुंबई तक जाने के लिए कोस्टल रोड प्रोजेक्ट को कई चरणों में बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का पहला चरण शामलदास गांधी मार्ग (प्रिन्सेस स्ट्रीट उड्डाणपूल) से वरली-वांद्रे सागरी सेतु के वरली छोर तक फैला है। इस प्रकल्प की कुल लंबाई 10.58 किलोमीटर है और अब तक इस परियोजना का 94% काम पूरा हो चुका है। इसके माध्यम से मुंबई के बीचोंबीच स्थित ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा।
नई संरचनाओं और तकनीकी नवाचार
इस प्रोजेक्ट में दो प्रमुख पुलों का निर्माण किया गया है – एक पुल दक्षिण दिशा से उत्तर की ओर यातायात के लिए और दूसरा उत्तर से दक्षिण की ओर यातायात के लिए। इन पुलों का उद्घाटन क्रमशः 12 सितंबर 2024 और 27 जनवरी 2025 को हुआ है। अब इन दोनों पुलों के जरिए मुंबई के दोनों छोर के बीच नियमित यातायात की शुरुआत होगी।
वरली-वांद्रे सी लिंक से जुड़ा यह नया पुल 827 मीटर लंबा है, जिसमें से समुद्र पर बने पुल की लंबाई 699 मीटर है और शेष हिस्सा 128 मीटर तक फैला हुआ है। इस पुल के निर्माण में कुल 2400 मेट्रिक टन वजन की तुळई (बो आर्च स्ट्रिंग गर्डर) का उपयोग किया गया है, जो 143 मीटर लंबी, 27 मीटर चौड़ी और 31 मीटर ऊंची है। (Coastal road)
वायुवीजन प्रणाली और बोगदें
इस परियोजना के तहत दो भूमिगत बोगदों का निर्माण भी किया गया है, जिनकी लंबाई एक-एक किलोमीटर है। इन बोगदों में अत्याधुनिक वायुवीजन प्रणाली, ‘सकार्डो’, का उपयोग किया गया है, जो भारत में पहली बार इस प्रकल्प के तहत लागू की गई है। इसके अलावा, आपातकालीन परिस्थितियों के लिए बोगदों को जोड़ने के लिए दस छेद बोगदे भी बनाए गए हैं।
हरित क्षेत्र और पर्यावरण संरक्षण
इस परियोजना के तहत कुल 70 हेक्टेयर हरित क्षेत्र का निर्माण भी किया गया है, जो पर्यावरण संरक्षण में योगदान करेगा और मुंबई की हरित क्षेत्र की कमी को भी पूरा करेगा।
मुंबई के लिए यह एक ऐतिहासिक परियोजना है, जो न केवल यात्रा के समय को कम करेगा बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था को भी बेहतर बनाएगा।
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