महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार (MVA) शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) एवं कांग्रेस (Congress) के साथ मिलकर बनी है। लेकिन हमेशा शिवसेना कांग्रेस पर तंज कसते हुए और नसीहत देते हुए नज़र आती है। कांग्रेस ने इसका विरोध भी किया, लेकिन शिवसेना की सेहत पर फ़र्क़ नहीं पड़ा। अब एक बार फिर शिवसेना ने कांग्रेस पर तंज कसा है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की हार हुई है। केरल में कांग्रेस की स्थिति अच्छी होने के बाद भी वह सत्ता स्थापित नहीं कर पाई। असम में अवसर होने के बाद भी कांग्रेस पिछड़ गई। पुडुचेरी मे अपनी सत्ता तक गंवा दी। इस तमाम पतझड़ में कांग्रेस को क्या करना चाहिए तथा कैसे खड़ा होना चाहिए? इस पर बात चीत नहीं की जाती। कांग्रेस पार्टी का कोई अध्यक्ष पूर्णकालिक नहीं है। महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं केरल को छोड़ दें। तो अपने अस्तित्व की लड़ाई कांग्रेस लड़ रही है।
पूर्व कांग्रेसी नेता जतिन प्रसाद के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सामना ने लिखा है, कांग्रेस पार्टी के बचे-खुचे दिग्गज भी अब नाव स कूद रहे हैं। यह सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही हो रहा है ऐसा नही है। सचिन पायलट ने राजस्थान में अब पार्टी नेतृत्व को विदाई की चेतावनी दे दी है। सचिन पायलट एवं उनके समर्थक पहले से ही खुश नही हैं। और उनका एक पैर बाहर है। साल भर पहले सचिन पायलट ने बगावत ही की थी। उसे शांत किया गया, फिर भी आज भी असंतोष जारी ही है।
पंजाब कांग्रेस में बड़ी फूट पड़ गई है एवं मुख्यमंत्री कै. अमरिंदर के खिलाफ विरोधी गट ने आरपार की लड़ाई छेड़ी है। उस पर चिंता तब और बढ़ जाती है, जब प्रसाद जैसे नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होकर आजते है
Report by : Aarti Verma
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