महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ते जानलेवा कारोना वायरस (Corona Virus) के मामलों से राज्य का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर चरमराते हुए नजर आ रहा है। प्रदेश के कई जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों में दवा, ऑक्सीजन (Oxygen) और बेड्स (Beds) की कमी महसूस की जा रही है। इसी वजह से आज पुणे में रेमेडिसिवर इंजेक्शन ना मिलने पर कोरोना (Corona Virus) मरीज़ों के परिजनों ने जिला अधिकारी के दफ्तर के बाहर शांति पूर्ण प्रदर्शन किया है। वर्तमान समय में कोरोना के इलाज में उपयोगी रेमेडिसिवर इंजेक्शन की किल्लत पूरे महाराष्ट्र में देखी जा रही है।
कलेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे कोरोना (Corona Virus) मरीजों के परिवार वालों का कहना है कि, ‘ डॉक्टर कोरोना मरीज़ो के इलाज के लिए लगातार रेमेडिसिवर इंजेक्शन मंगा रहे हैं। पर पूरे शहर में कहीं भी रेमेडिसिवर इंजेक्शन नहीं मिल रहा है।
हालांकि रेमेडिसिवर इंजेक्शन की सुगम आपूर्ति के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिन लोगों को इस दवा की जरूरत है वो टोल फ्री नंबर 107 पर कॉल करके दवा की मांग कर सकते हैं।
वहीं पुणे में हुए इस प्रदर्शन पर मुंबई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने उद्धव सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि ,’पुणे में एक अस्पताल के बाहर Remdesivir के लिए धरने पर बैठे मरीज़ों के परिजन यह भारी संकट है।डॉक्टर कह रहे हैं कि मरीज़ की हालत नाज़ुक है।रेमडेसिविर नहीं देंगे तो बचना मुश्किल है। यह दवा मार्केट से गायब है।
यह मिसमैनेजमेंट अमानवीय है।
बता दें कि, कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद रविवार को केंद्र सरकार ने रेमेडिसिवर के निर्यात पर रोक लगा दी है। इन सब के बावजूद पूरे महाराष्ट्र में रेमेडिसिवर की भारी कमी है। रेमेडिसिवर इंजेक्शन को कोरोना संक्रमण के असर को कुछ हद तक कम करने के लिये प्रभावी माना जाता है।
Report by : Rajesh Soni
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