कोरोना (Corona) की वजह से मुम्बई की हालात दिन ब दिन बद से बद्दतर होती जा रही है। अब आलम यह है कि शमशान भूमि में चिताओं को जलाने के लिए वेटिंग लिस्ट जारी है। इससे आप अंदाज लगा सकते है कि मुम्बई (Mumbai) में जानलेवा कोरोना वायरस (Corona) ने कितना खतरनाक रूप धारण कर लिया है।
एक तरफ मुम्बई (Mumbai) के कई सरकार और निजी अस्पतालों में दवा, ऑक्सीजन और बेड्स की भारी किल्लत है। दूसरी तरह कोरोना (Corona) के चलते मुम्बई के श्मशान घाटों में लाशों को जलाने के लिए लंबी -लंबी कतार है। हमारी मेट्रो मुम्बई की टीम ने मुम्बई और पालघर के चार अलग-अलग जगहों के शमशान घाट में जाकर स्थिति का जायजा लिया है।
हमारे मेट्रो मुम्बई के रिपोर्टर स्वाति और प्रीति ने मुम्बई के कांदिवली पश्चिम, बोरीवली पूर्व, कांदिवली पूर्व और पालघर जिले के नालासोपारा स्थित हिन्दू शमशान भूमि में जाकर वर्तमान परिस्थितियों के बारे में विस्तार में जाना है।
हमारे संवाददाताओं ने पाया कि कोरोना की वजह से आम दिनों की तुलना में लाशें जलाने को लेकर शमशान भूमि के प्रबंधन पर बहुत ज्यादा दबाव बढ़ गया है। मुम्बई के कांदिवली स्थित धानुकरवाड़ी में स्थित हिन्दू शमशान भूमि की अवस्था अत्यंत भयावह है।
पिछले महीने धानुकरवाड़ी शमशान भूमि में 306 चिताएं जलाई गई थी। पर अप्रैल महीने के महज 16 दिनों में अब तक 368 चिताएं जलाई जा चुकी हैं। जिसमें से 93 शव कोरोना मरीजों के थे।
बात करें बोरीवली पूर्व स्थित हिन्दू शमशान भूमि की तो, यहां कोरोना का कहर साफ देखा जा सकता है। यहां रोजाना 20 से 25 कोरोना मरीजों की लाशों को जलाया जा रहा है।
इसके अलावा कांदिवली पूर्व स्थित वडरपाड़ा स्थित हिन्दू शमशान भूमि में रोजाना कोरोना के 2 से 3 मरीजों की लाशें जलाने के लिए लाई जा रही है।
इसके अलावा नालासोपारा स्थित तुलिंज हिन्दू शमशान भूमि में पिछले महीने 106 कोरोनो के मरीजों की चिताएं जलाई गई गई थी। वहीं इस महीने के 16 दिनों के भीतर ही अब तक 80 से ज्यादा कोरोना मरीजों की लाशों को जलाया जा चुका है।
वर्तमान समय में शमशान भूमि की परिस्थितियों को देखकर तो इतना ही कहा जा सकता है कि, ‘कोरोना मुम्बई समेत इर्दगिर्द के इलाकों में रौद्र रूप धारण कर चुका है। अगर इसी रफ्तार से कोरोना के वायरस के मामले बढ़ते रहें तो, आने वाले समय में मुम्बई की परिस्थिति बहुत ज्यादा खराब हो सकती है।
Report By : Rajesh Soni