भारत में फेस्टिवल का एक सीजन ख़त्म नहीं हुआ तो दूसरा लाइन लगाए पीछे खड़ा रहता है। सितम्बर का महीना ख़त्म हुआ तो फिर से भारत में फेस्टिवल सीजन की शुरुआत हो चुकी है। अगले महीना यानी की अक्टूबर में भारत के सबसे बड़े त्यौहार आ रहे है साथ ही छठ पूजा का भी आगमन हो रहा है।
लोग कई तरह के उपवास रखते है। आधे दिन खाने का उपवास,  निर्जला व्रत लेकिन अगर कठिन व्रत की बात करे तो सबसे पहले आपके दिमाग में छठ पूजा नाम आएगा। छठ पूजा बिहार का पारंपरिक और सबसे महत्त्वपूर्ण त्यौहार है। छठ पूजा(Chhath Pooja) को महापर्व भी कहते है। जो छठ पूजा का व्रत रखता है वो बहुत तैयारी करके रात को ही नदी किनारे, तालाब या फिर खाड़ी के किनारे जाकर सूर्य देवता का इंतज़ार करते है ताकि सूर्योदय होते ही उन्हें जल चढ़ा सके और उनकी पूजा अर्चना कर सके।
आपको बता दे छठ पूजा स्थल पर इस दिन भारी मात्रा में लोगों की भीड़ उमड़ी रहती है। लेकिन जहाँ लॉकडाउन की पाबंदियाँ हो, वहां कोई कैसे सभी के साथ कोई भी त्यौहार मना सकता है। इस साल छठ पूजा 8 नवंबर को है। छठ पूजा को लेकर दिल्ली सरकार ने एक महीने पहले ही दिशा निर्देश जारी कर दिया है। दिशा निर्देश में कहा गया है किछठ पूजा किसी भी सार्वजनिक, निजी और पब्लिक प्लेस, नदी किनारे में नहीं मनाया जाएगा। छठ पूजा मनाने के लिए दिल्ली सरकार बकायदा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा नोटिस जारी किया गया है। साथ ही दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिल्ली में लंबे समय से हो रहे रामलीला आयोजन का भी संशय को ख़त्म कर दिया है। फेस्टिवल सीजन में सरकार ने मेला, फ़ूड स्टाल, और ऐसे हर चीजों पर पाबंदी लगा दी है जिसमें भीड़ होने की आशंका रहती है। सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती जिससे कोरोना संक्रमण बढ़े।
अगर राजधानी दिल्ली में कोरोना मामलों की बात करें तो फ़िलहाल दिल्ली में कोरोना नियंत्रण में है। बीते 24 घंटों में 41 नए मरीज सामने आए थे और 22 मरीजों ने कोरोना को मात दी थी। तो वहीँ एक भी कोरोना मरीजों की मौत नहीं हुई थी।

Reported by – Sakshi Sharma

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