महाराष्ट्र जैसे ही कोरोना (Corona) बीमारी की चपेट से बाहर निकला है। वैसे ही अब स्वास्थ्य व्यवस्था के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। कोरोना के बाद महाराष्ट्र के एक गांव का एक व्यक्ति झीका नाम के वायरस से संक्रमित पाया गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने चिंता जताई है।
राज्य में झीका वायरस का पहला मामला पुणे जिले के पुरंदर तालुका के बेलसर गांव में मिला है। झीका वायरस एक 55 वर्षीय महिला में पाया गया था। हालांकि रोगी ठीक भी हो गया तो, उस मरीज के मिलने के बाद बेलसर क्षेत्र के पांच किलोमीटर के भीतर के गांवों को सतर्क कर दिया गया है, क्योंकि इस वायरस से लोगों के प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि जीका वायरस जानलेवा नहीं है, फिर भी यह महिलाओं के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। वर्तमान में, जलवायु परिवर्तन के कारण डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य महामारियों की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस रोग एडीज इजिप्टी मच्छरों के कारण होने वाली एक हल्की बीमारी है और 80% रोगियों में इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं। अन्य रोगियों में बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर में दर्द, सिरदर्द, लाल आंखें, उल्टी, अस्वस्थता, बुखार और दाने जैसे लक्षण हो सकते हैं।
झीका और अन्य कीट जनित रोगों के लिए सर्वेक्षण को सक्षम करते हुए, कोरोना सर्वेक्षण और टीकाकरण की उपेक्षा नहीं की जाएगी, स्वास्थ्य विभाग ने सभी संबंधितों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया है।
ऐसे बरते सावधानी-
-घर में मच्छर न आने दें, घर की साफ-सफाई का ध्यान रखें। मच्छरदानी का प्रयोग करें।
–घर और उसके आसपास जमा पानी को ज्यादा देर तक खुला नहीं रखना चाहिए
-जहां वायरस फैला है। वहां से यात्रा करने वाली महिलाओं को कम से कम 8 सप्ताह तक गर्भवती नहीं होने देना चाहिए।
– यह रोग संक्रामक नहीं है।
– जीका वायरस से पीड़ित व्यक्ति को यदि
मच्छर काट ले तो दूसरा व्यक्ति जीका से संक्रमित हो जाता है।
– महिलाओं में इस वायरस का खतरा ज्यादा होता है।
– घर की खिड़कियों और दरवाजों में जाली लगाएं।
– अगर आपको डायबिटीज, हाइपरटेंशन, इम्युनिटी डिसऑर्डर जैसी समस्याएं हैं तो यात्रा करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
– यात्रा के बाद दो दिन तक बुखार रहने पर डॉक्टर से समय पर सलाह लें।
Report by : Rajesh Soni
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