मॉनसून (Monsoon) की भारी बारिश से निपटने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे को तकनीक के साथ मुंबई के आईआईटी संस्थानों से जुड़ कर काम करने की राय दी। ताकि मुंबई की रेल सेवा बिना बाधित हुए चलती रहे। लोगों की जान भी सुरक्षित रह सके। गोयल ने रेलवे बोर्ड तथा मुंबई के वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ मुंबई उपनगरीय खंड पर बारिश की तैयारियों की समीक्षा करते हुए तमाम बाते कही। देश में रेलवे एवं विशेषकर मुंबई को मानसून के लिए पूरी तरह तैयार रहने की आवश्यकता है।
रेल मंत्री ने संवेदनशील क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति की जांच की तथा ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए योजनाओं की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि रेलवे सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुंबई वासियों बारिश शुरू होने पर को कोई असुविधा न हो।
कोविड महामारी के चलते दौरान भी रेलवे ने मुंबई में उपनगरीय खंड पर विशेष रूप से संशोधित ईएमयू रेकों के साथ 6 मक स्पेशल ट्रेनों के ज़रिये 3,60,000 घन मीटर कचरा, मिट्टी की सफाई के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया था। गोयल ने म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशनों के साथ समन्वय कर रेलवे ट्रैक पर कचरे को फेंके जाने को चेक करने के आदेश दिये।
पिछले मानसून में बांद्रा, गोरेगांव, अंधेरी, माहिम, ग्रांट रोड, सैंडहर्स्ट रोड, कुर्ला जैसे जल भराव वाली जगहों की पहचान की गई एवं प्रत्येक लोकेशन के लिए अनुकूलित योजना तैयार किया गया।
वास्तविक समय तथा बारिश का प्रामाणिक डेटा प्राप्त करने के लिए पश्चिम रेलवे ने आईएमडी के सहयोग से चार एवं स्वतंत्र रूप से दस ऑटोमेटिक रेन गेज लगाये हैं। सीवरेज तथा सबमर्सिबल पंपों के साथ ट्रैक तथा डिपो पर उपलब्ध कराए गए पंपों की संख्या में 33 फीसदी की वृद्धि की गई है।
Report by : Aarti Verma
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