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Illegal horns crackdown : सीएम फडणवीस की पुलिस को सख्त चेतावनी’

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Illegal horns crackdown : सीएम फडणवीस की पुलिस को सख्त चेतावनी'

Illegal horns crackdown : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण और अवैध हॉर्न के इस्तेमाल पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि पुलिस इंस्पेक्टर (PI) अवैध हॉर्न के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान कहा कि राज्य में पूजा स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर हॉर्न बजाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

सीएम फडणवीस ने कहा कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक हॉर्न पर पूर्ण प्रतिबंध होगा, जबकि दिन में ध्वनि की सीमा 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तय की गई है। यदि यह सीमा पार होती है, तो महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को कार्रवाई करनी होगी।

विधायक देवयानी फरांडे ने विधानसभा में अवैध हॉर्न के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इससे न केवल ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि आम जनता की शांति भी भंग होती है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी सख्त कार्रवाई की मांग की। फडणवीस ने जवाब में कहा कि राज्य सरकार केंद्र से नियमों में बदलाव की मांग करेगी ताकि कठोर कार्रवाई को कानूनी आधार मिले। (Illegal horns crackdown)

सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि हर पुलिस स्टेशन में डेसिबल मीटर उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि ध्वनि स्तर की निगरानी की जा सके। यदि किसी पूजा स्थल या सार्वजनिक स्थान पर नियमों का उल्लंघन होता है, तो पुलिस को तुरंत MPCB को सूचित करना होगा और परमिट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

फडणवीस ने साफ कहा कि इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा, “अगर PI अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल होते हैं, तो उनके खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि लोगों को शांति और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माहौल मिले।”

विधायक अतुल भातखलकर ने भी चर्चा में भाग लेते हुए धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में बजाए जाने वाले भोंपुओं की समस्या को उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, और स्थानीय पुलिस निरीक्षक को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी।

सरकार ने यह भी तय किया है कि अवैध हॉर्न लगाने वाले वाहनों को जब्त किया जाएगा और दोबारा प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम जनता को ध्वनि प्रदूषण से राहत देने की दिशा में एक मजबूत संकेत है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।

इस सख्त चेतावनी के बाद उम्मीद है कि राज्य में अवैध हॉर्न के इस्तेमाल पर लगाम लगेगी, और लोगों को एक शांत और सुरक्षित माहौल मिलेगा। मुख्यमंत्री की इस पहल को जनता की ओर से काफी सराहना मिल रही है, और सभी की नजरें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। (Illegal horns crackdown)

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