Ladki Bahen Yojana : विधानसभा चुनाव में लाडकी बहिन योजना (Ladki Bahin Yojana) के कारण महायुति को बहुमत मिलने की बात महायुति के नेताओं द्वारा स्वीकार की जा रही है। मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री यह बात बार-बार कह चुके हैं कि लाडकी बहिन योजना की वजह से ही उन्हें यह बड़ी जीत मिली है। हालांकि, राज्य में महायुति सरकार के गठन के बाद से लाडकी बहिन योजना के तहत अपात्र महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इस योजना से अब तक 9 लाख महिलाएं अपात्र हो चुकी हैं और अभी भी सरकार द्वारा स्क्रूटिनी जारी है। (Ladki Bahen Yojana )
इस बीच, आर्थिक दृष्टिकोण से भी लाडकी बहिन योजना के संबंध में कुछ निराशाजनक खबरें सामने आई हैं। जहां एक ओर यह उम्मीद जताई जा रही थी कि इस साल के बजट में लाडकी बहिनों को 2100 रुपये दिए जाएंगे, वहीं वित्त मंत्री अजित पवार द्वारा प्रस्तुत बजट में लाडकी बहिन योजना के लिए किसी प्रकार की वृद्धि का ऐलान नहीं किया गया। इसके अलावा, पिछले साल के मुकाबले इस साल लाडकी बहिन योजना के लिए जो आर्थिक प्रावधान किया गया है, उसमें भारी कटौती की गई है।
शिवसेना उबाठा के विधायक भास्कर जाधव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की बजट घोषणा में लाडकी बहिन योजना के लिए केवल 36 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि पिछले वर्ष 46 हजार करोड़ रुपये का बजट था, लेकिन उसमें से 33 हजार करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे। इसके आधार पर उन्होंने अनुमान व्यक्त किया कि इस साल करीब 50 लाख महिलाएं लाडकी बहिन योजना से बाहर हो सकती हैं। (Ladki Bahen Yojana )
भास्कर जाधव ने वित्त मंत्री अजित पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बजट में खर्च की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार अब कवि बन गए हैं, जो पहले संघ की शाखा में नहीं गए थे। जाधव के इन बयानों से यह सवाल उठ रहा है कि इस योजना के माध्यम से कितनी महिलाएं सरकार के कटौती के शिकार हो सकती हैं और लाडकी बहिन योजना के भविष्य में क्या बदलाव होंगे।
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