Kandivali Panchsheel Society : मुंबई के कांदिवली पश्चिम इलाके की महावीर नगर स्थित पंचशील हाइट्स हाउसिंग सोसायटी इन दिनों चर्चा में है। कारण है फुटपाथ पर बढ़ते अतिक्रमण से परेशान होकर सोसायटी द्वारा उठाया गया अनोखा और सख्त कदम। बीते कुछ वर्षों से सोसायटी के सामने वाले फुटपाथों पर फेरीवालों का अवैध कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा था। बार-बार बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को शिकायतें देने के बावजूद कोई स्थायी हल नहीं निकल सका।
निवासियों का कहना है कि जब भी बीएमसी की टीम मौके पर आती है, फेरीवाले कुछ देर के लिए अपने ठेले और सामान हटा लेते हैं। लेकिन बीएमसी टीम के जाते ही वे दोबारा आ जाते हैं और पहले की तरह ही पूरी सड़क और फुटपाथ पर कब्जा कर लेते हैं। इस वजह से सोसायटी के लोगों को अपने बच्चों को स्कूल ले जाने, दफ्तर जाने और सामान्य आवाजाही में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। (Kandivali Panchsheel Society)
जब हालात असहनीय हो गए, तो सोसायटी ने बाउंसर तैनात करने का फैसला किया। सोसायटी के चेयरमैन सचिन सरदेसाई ने बताया कि यह निर्णय मजबूरी में लिया गया। “हमने कम से कम 15 दिनों के लिए अपनी प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी के ज़रिए बाउंसर तैनात किए हैं ताकि फेरीवाले दोबारा कब्जा न कर सकें। यदि वे फिर लौटते हैं, तो हम यह प्रक्रिया दोहराएंगे,” उन्होंने कहा।
इस पूरे घटनाक्रम ने बीएमसी की कार्यप्रणाली और ज़मीनी स्तर पर निगरानी की कमी को उजागर कर दिया है। मुंबई जैसे महानगर में जहां जगह की तंगी और ट्रैफिक पहले से ही एक बड़ी समस्या है, वहां फुटपाथ पर इस तरह के अतिक्रमण आम जनता की जीवनशैली को और कठिन बना देते हैं। यह मामला सिर्फ एक सोसायटी तक सीमित नहीं है। यह दर्शाता है कि जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेता है, तब आम नागरिकों को खुद अपने हक के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है। ऐसे में ज़रूरत है कि नगर निगम इस मामले को गंभीरता से ले और अतिक्रमण के खिलाफ स्थायी समाधान निकाले। (Kandivali Panchsheel Society)
पंचशील हाइट्स सोसायटी की यह पहल एक मिसाल बन सकती है, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल भी खड़े करती है – क्या जनता को अपने अधिकारों की रक्षा खुद ही करनी होगी?
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