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जानिए हनुमान चालीसा के वैज्ञानिक मतलब

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हिंदू (Hindu) मान्यताओं  में पौराणिक कथा और पौराणिक ग्रथों का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह धर्म और अधर्म का पहचान कराती है। तथा धर्म और कर्म के मार्ग पर चलने की सीख देती हैं।  हिंदू के पवित्र ग्रंथ श्री मद्भागवत गीता के अनुसार मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा कर्म है। जो मनुष्य अच्छे कर्म करेगा समझो वही अपने धर्म के मार्ग पर चल रहा हैं। इसी तरह इस कलयुग ने सनातन धर्म के ग्रंथों और चरित्र की बात करे तो कलयुग में हनुमान चालीसा का सबसे ज्यादा महत्त्व देखा जाता हैं।
आज कोरोना (Corona) के कारण कितनी जाने गई हैं। उसी कोरोना के कारण लॉकडाउन के चलते आज के समय में लोगों के मन में शंका, भय, निराशा, अनिश्‍चितता, गुस्सा और कई तरह की मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। जिसके कारण इम्यून सिस्टम का संतुलन बिगड़ने से जल्दी से रोग लग जाता है। परंतु अगर हम रोज़ाना हनुमान चालीसा का पाठ करते है तो उससे हमारा दिमाग शांत रहता है और हमारे में किसी भी चीज को लेकर भय उत्पन्न नही होता।

इस कलयुग में लोग सबसे ज्यादा हनुमान चालीसा की पाठ करते हैं। आप हनुमान चालीसा का पाठ तो करते ही होंगे पर क्या कभी आपने सोचा है कि हनुमान चालीसा का पाठ से क्यों लाभ होता हैं। आज हम आपको हनुमान चालीसा से जुड़े कुछ रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं। जो आप शायद नहीं जानते होंगे।
हनुमानजी का प्रताप चारों युगों में रहा है और आगे भी रहेगा, क्योंकि वे अजर-अमर हैं। उन्हें अमरत्व का वरदान मिला हुआ है। वे जब तक चाहें शरीर में रहकर इस धरती पर मौजूद रह सकते हैं। सिर्फ इस बात के लिए ही हनुमान चालीसा का आधुनिक दुनिया में महत्व नहीं बढ़ जाता है बल्कि इसलिए कि पूरे ब्रह्मांड में हनुमानजी ही एकतात्र ऐसे देवता हैं जिनकी भक्ति से हर तरह के संकट तुरंत ही हल हो जाते हैं और यह एक चमत्कारिक सत्य है।

और आज हम आपको एक ऐसी भी बात बताने जा रहे है जिससे आपको विश्वास हो जाएगा कि हनुमान चालीसा में लिखी हर एक बात में कितनी सच्चाई है और यह कितना ज्यादा महत्वपूर्ण है हमारे जीवन में।
जिस पृथ्वी और सूरज की दूरी को खोजने के लिए नासा जितना समय लगा। उससे हज़ारों वर्ष पहले ही “युग सहस्त्र जो जन पर भानु लील्यो ताहि मधुर फल जानू” इस दोहे की माध्यम से बता दिया था।
अगर आप हनुमान चालीसा के अर्थ में छुपे सूत्र को समझ ले तो आपको आपके लक्ष्य को पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता भले ही वो आपका कितना भी बड़ा दुश्मन हो। और आपको बता दे कि जिसे वैज्ञानिक आज अपनी नई खोज बताते है उसका जिक्र हनुमान चालीसा में बहुत सालों पहले ही कर दिया गया हैं।

हनुमान चालीसा को महान कवि तुलसीदास जी ने लिखा था। कवि तुलसीदास हिंदी साहित्य के महान संत कवि थे। उन्होंने कई धार्मिक ग्रंथ लिखा हैं जिनमें से रामचरितमानस इनका गौरव ग्रंथ हैं। और आओको बता दे कि महाकाव्य श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान दिया गया है। यहाँ तक ये भी कहा जाता है कि तुलसीदास श्री हनुमान जी से मिले थे। तुलसीदास श्री हनुमान जी से मिलकर उन्हें श्री राम जी के दर्शन कराने के लिए प्रार्थना की। फर हनुमान जी के बताने के अनुसार श्री तुलसीदास का चित्रकूट में भगवान श्री राम के साक्षात दर्शन हुए।  हनुमान चालीसा से पहले भी हनुमानजी पर कई चालीसा लिखी गई और कई स्तुतियां भी लिखी गई थीं लेकिन हनुमान चालीसा का महत्व इसीलिए आधुनिक युग में है क्योंकि यह पढ़ने और समझने बहुत ही सरल है और यह भी कि इस चालीसा में हनुमानजी के संपूर्ण चरित्र का वर्णन हो जाता है जिससे उनकी भक्ति करने में आसानी होती है।

हनुमानजी की भक्ति के लिए आप कुछ भी पढ़ें लेकिन हनुमान चालीसा सच में ही अपने आप में एक संपूर्ण रामचरि‍त मानस की तरह है। क्योंकि हनुमान चालीसा में हनुमान और श्री राम की कई कहानियों से जुड़ी बातें हैं। हनुमान चालीसा लिखने वाले तुलसीदासजी राम के बहुत बड़े भक्त होने के कारण औरेंगजेब ने उन्हे बंदी बना लिया था। कहते हैं कि वहीं बैठकर उन्होंने हनुमान चालीसा लिखा था। अंत में ऐसे कुछ हुआ कि औरंगजेब को उन्हें छोड़ना पड़ा था। हनुमान चालीसा की हर एक पंक्ति में विशेष बातें बताई गई हैं।
अब इसे चालीस क्यों कहा जाता हैं।
इसमें 40 छंद होते हैं जिसके कारण इसको चालीसा कहा जाता है। यदि कोई भी इसका पाठ करता है तो उसे चालीसा पाठ बोला जाता है। आधुनिक युग की भागमभाग में हनुमान चालीसा ही एक ऐसा पाठ है जिसे तुरंत ही आसानी से पढ़ा जा सकता है, लेकिन उसके लिए हनुमानजी की भक्ति होना जरूरी है।

हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा का बड़ा ही महत्व है। इस चालीसा को पढ़ते रहने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है। इसके कारण ही वह संसार पर विजय प्राप्त कर लेता है।
हनुमान चालीसा शुरू होता है ‘गुरु’ शब्द से अर्थात जीवन मे यदि गुरु नहीं है तो आपको कोई भी आगे नहीं बढ़ा सकता। गुरु के गुण किसी में भी पाए जा सकते हैं जैसे कि माता पिता, आपको अच्छा ज्ञान देने वाला, आपको आपके लक्ष्य के प्रति उत्साह बढ़ाने वाला और अन्य भी हो सकते हैं।

इसके एक एक छंद का बहुत महत्व है जैसे-

1.बच्चे का पढ़ाई में मन ना लगे तो उसको इस छंद का पाठ करना चाहिए- बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।

2.मन में बिना मतलब का भय हो तो यह पंक्ति पढ़ना चाहिए- भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे।

3.किसी भी कार्य को सिद्ध करना हो तो यह पंक्ति पढ़ें- भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचन्द्र के काज सँवारे।

4.बहुत समय से यदि बीमार हैं और आओ ठीक नही हो रहे हो कुछ दावा असर नहीं हो रहा ऐसे में आपका मन दुनिया से हट जाता है और आपको दुनिया से सारे संबंध तोडने का मन करता है इस स्थिति से बचने के लिए आपको यह पंक्ति पढ़ना होगा। नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत बीरा।

5.प्राणों पर यदि संकट आ गया हो तो यह पंक्ति पढ़ें- संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
या संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै

6.यदि आप बुरी संगत में पड़े हैं और यह संत छुट नहीं रही है तो यह पढ़ें- महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी

7.यदि आप किसी भी प्रकार के बंधन में हैं तो- जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई।

8.किसी भी प्रकार का डर है तो यह पढ़ें- सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।

9.आपके मन में किसी भी प्रकार की मनोकामना है तो पढ़ें- और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।

श्री हनुमान चालीसा हमें जीवन जीने की कला सिखाती हैं। श्री हनुमान जी को माता सीता द्वारा आठ सिद्धियां और नौ निधि के साथ ही अजर अमर रहने का वरदान मिला हुआ है। ऐसे कहा जाता है कि आज भी जहाँ कहीं श्री राम जी का भजन होता है वहाँ श्री हनुमान जी स्वयं अदृश्य रूप में उपस्थित होते हैं।

Report by : Sakshi Sharma

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