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लॉकडाउन से फिर बढ़ी प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें, रोजाना 1 लाख यात्री गांव जाने के लिए मजबूर

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महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना को रोकने के लिए राज्य सरकार ने सख्त पाबंदी और वीकेंड लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। वहीं सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार की दुकानों को बंद कर दिया है। सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर पड़ रहा है। ऐसे में मुम्बई से रोजाना 1 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर अपने गांवों की तरफ पलायन करने के लिये मजबूर हो गए हैं। मुम्बई समेत पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) में लॉकडाउन और सख्त पाबंदियों की वजह से स्थिति पिछले वर्ष की तरह होती हुई नजर आ रही है। ऐसे में अब प्रवासी मजदूरों का भी महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई शहरों से पलायन शुरू हो चुका है। वसई और भिवंडी इंडस्ट्रियल क्षेत्र में कामकाज ठप पड़ने के बाद प्रवासी मजदूरों के पलायन की खबरें सामने आ रही है। क्योंकि काम काज ठप पड़ने से मजदूरों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं बचा और उन्हें अब भुखमरी का डर सताने लगा है। वहीं रेलवे द्वारा जारी आंकड़ें भी मजदूरों के पलायन कि बात की पुष्टि कर रहे हैं।

आपको मालूम हो कि, मध्य रेलवे लॉकडाउन से पहले इस रूट पर करीब 110 ट्रेनें दौड़ाया करती थी। इनमें से अब 90 प्रतिशत ट्रेनों को फिर से शुरू कर दिया गया है। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार के मुताबिक, रोजाना 42 से 45 ट्रेनें उत्तर भारत की तरफ जा रही है।

सरकार की कोरोना गाइडलाइंस के चलते फिलहाल इन ट्रेनों में 1400 से 1500 यात्री सफर कर सकते हैं और सामान्य स्थिति में यह संख्या बढ़कर 3 हजार यात्रियों तक पहुंच जाती है। क्योंकि उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों में बड़ी संख्या में वेटिंग टिकट पर यात्रा करने वाले यात्री होते हैं।

मध्य रेलवे के साथ-साथ पश्चिम रेलवे से भी एक दर्जन के करीब ट्रेन उत्तर भारत की तरफ रोजाना जाती है। इस हिसाब से करीब 80 हजार लोग ट्रेनों के जरिये अपने गृह राज्यों की तरफ निकल रहे हैं। वहीं अन्य लोग सड़क के माध्यम से अपने गांवों की तरफ जा रहे हैं।

बता दें कि, पिछले साल भी महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगने के बाद हजारों प्रवासी मजदूरों ने सड़क और रेलवे मार्ग से अपने अपने गांवों की तरफ पलायन शुरू किया था। वहीं लाखों मजदूर पैदल अपने गांव जाने के लिए मजबूर हो गए थे। एक बार फिर मजदूरों को लॉकडाउन का डर डराने लगा है।

Report by : Rajesh Soni

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