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मशाल ने दिलाई ठाकरे गुट को पहली जीत

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शिवसेना(Shivsena)में फूट के बाद उद्धव गुट के हाथ लगी पहली सफलता

अंधेरी उपचुनाव में ऋतुजा लटके भारी मतों से विजय

मशाल ने दिलाई ठाकरे गुट को पहली जीत

शिवसेना में फूट के बाद ठाकरे गुट के लिए लगातार बुरी खबर सामने आ रही थी। एक के बाद एक बड़े नेता, सांसद और विधायक ठाकरे गुट को छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो रहे हैं। लेकिन पार्टी का नाम और चिन्ह छीन जाने के बाद आज ठाकरे गुट के लिए पहली खुशखबरी सामने आई है। नए चुनाव चिन्ह मशाल पर ठाकरे गुट ने पहली जीत हासिल की है। यह जीत आगामी मनपा चुनाव के मद्देनजर ठाकरे गुट के लिए शुभ संकेत है। हम बात कर रहे हैं अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव की।

दरअसल, आज अंधेरी उपचुनाव के नतीजे घोषित हुए। इस सीट पर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी की उम्मीदवार ऋतुजा लटके ने धमाकेदार जीत हासिल की है। कुल ८६ हजार १९८ मतों में से ऋतुजा लटके ६६ हजार २४७ वोट मिले।
वहीं कोई भी अन्य निर्दलीय और छोटे पार्टी का उम्मीदवार कुल वोटों का १०% वोट भी नहीं हासिल कर पाया। ऋतुजा लटके के बाद सबसे ज्यादा वोट नोटा पर पड़ें। नोट पर कुल 12 हजार 776 वोट पड़े।

आपको बता दें कि, “लंबी कानूनी लड़ाई और मशक्कत के बाद दिवंगत रमेश लटके की पत्नी ऋतुजा लटके ने इस सीट से नामांकन दाखिल करने में सफलता पाई थी।

हालांकि इस सीट पर ऋतुजा लटके की जीत तय थी। क्योंकि इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस, मनसे और एनसीपी जैसी पार्टियों ने उम्मीदवार नहीं खड़े किए थे। इस सीट पर ऋतुजा लटके के लिए जबरदस्त सहानभूति की लहर थी। यह बात भाजपा समय रहते समझ गई। इसी वजह से नामांकन भरने के बाद भाजपा ने अपने उम्मीदवार मुरजी पटेल का नामांकन वापस ले लिया। क्योंकि एक विधानसभा सीट के लिए भाजपा बीएमसी चुनाव को दांव पर लगाने का जोखिम नहीं उठा सकती थी। इस सीट पर भाजपा की हार का सीधे ठाकरे गुट को बीएमसी चुनाव में मिलता।

इस जीत के बाद यह कह सकते है कि मशाल चुनाव चिन्ह उद्धव ठाकरे के लिए गेम चेंजर साबित होगा। क्योंकि जलती हुई मशाल को संयुक्त महाराष्ट्र के संघर्ष का प्रतीक भी माना गया था। संयुक्त महाराष्ट्र के संघर्ष में उद्धव ठाकरे के दादा प्रभोधनकर ठाकरे ने अहम भूमिका निभाई थी। वहीं बालासाहब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को भी पहली सफलता मशाल चुनाव चिन्ह पर ही मिली थी। जब १९८५ में छगन भुजबल ने मशाल चुनाव चिह्न पर विधानसभा चुनाव लडा था। और जीता था। शिवसेना और मशाल के बीच संबंध लगभग चार दशक पुराना है।

Reported By :- Rajesh Soni

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