कलवा, मुम्ब्रा, दिवा, कल्याण से कर्जत तक रेलवे (Railway)पटरियों के पास रहने वाले लोगों पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि रेलवे मंत्रालय ने पटरी के पास रहने वाले लोगों को हटाने के आदेश दिए हैं। इनको हटाने की कार्रवाई भी रेलवे द्वारा शुरू कर दी गई थी। हालांकि जीतेन्द्र आव्हाड और श्रीकांत शिंदे के विरोध के बाद यह कार्रवाई रोक दी गई।
दरअसल, ठाणे-दिवा छठी लाइन के शुभारंभ दौरान रेलवे मिनिस्टर अश्विनी कुमार और रेल राज्य मंत्री रावसाहब दानवे पाटिल को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा गया था। इस ज्ञापन में परियोजना प्रभावित लोगों को पुर्नवसन होने तक घरों को ना तोड़ने और उनके पुर्नवसन हेतु म्हाडा के माध्यम से बनने वाले घरों में सहयोग को लेकर निवेदन किया गया था।
जिसके बाद रेल मंत्री के आदेश के बाद कार्रवाई को तुरंत रोक दिया गया था। वहीं रेल मंत्री ने उचित पूर्णवसन नहीं होने तक घर ना तोड़ने का आश्वासन दिया था। हालांकि रेल मंत्री के आश्वासन के बावजूद अधिकारियों ने एक महीने के भीतर घरों को खाली करने के लिए लोगों पर दवाब डालना शुरू कर दिया।
घर खाली करने की बात मंत्री आव्हाड तक पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि, “लोगों के पास घर खाली करने का नोटिस आया है। पहले केंद्र सरकार उनके पुर्नवसन का जल्द फैसले लें। यदि कल झोपड़पट्टियों के लोग पटरियों पर उतर आए तो रेलवे ठप पड़ जाएगी।
Reported By :- Rajesh Soni
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