Risk Alert : मुंबई शहर में सुरक्षित रहने योग्य इमारतों की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। हाल ही में नगर निगम ने मुंबई में कुल 134 ऐसी इमारतों की पहचान की है जिन्हें ‘खतरनाक’ या ‘ध्वस्त होने के कगार पर’ माना गया है। इन इमारतों में सबसे ज्यादा संख्या वांद्रे, खार और गोरेगांव इलाके में पाई गई है। ये क्षेत्र मुंबई के प्रमुख आवासीय और व्यावसायिक हब माने जाते हैं, जहां इन खतरनाक इमारतों का होना चिंता का विषय है।
नगर निगम के अधिकारी बताते हैं कि इन 134 इमारतों में से 77 में अभी भी लोग रह रहे हैं। ऐसे में मानसून के आने से पहले इन इमारतों को खाली कराना आवश्यक हो गया है, ताकि बारिश या तेज हवा के कारण कोई बड़ा हादसा न हो। बारिश के मौसम में कमजोर संरचनाओं वाली ये इमारतें गिरने का खतरा बढ़ा देती हैं, जिससे रहने वाले लोगों की जान-माल को भारी नुकसान पहुंच सकता है। (Risk Alert)
मुंबई में लगातार बढ़ती आबादी और आवास की कमी के चलते कई पुराने और जर्जर हो चुकी इमारतों में लोग रह रहे हैं। खासकर वांद्रे, खार और गोरेगांव जैसे इलाकों में जमीन की किल्लत और महंगे दामों के कारण ये इमारतें और भी अधिक उपयोग में लाई जाती हैं। हालांकि, नगर निगम समय-समय पर इन इमारतों की जांच करता रहता है और जिन इमारतों को खतरनाक पाया जाता है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करता है।
स्थानीय प्रशासन ने इन खतरनाक इमारतों को जल्द से जल्द खाली करने का आदेश दिया है। साथ ही, वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था भी शुरू की जा रही है। प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल जानमाल का खतरा टला जा सकेगा, बल्कि शहर की सुरक्षा भी बढ़ेगी। (Risk Alert)
हालांकि, इन इमारतों में रहने वाले कई लोग प्रशासन के निर्देशों के बावजूद अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनका तर्क है कि कहीं दूसरी जगह उचित आवास उपलब्ध नहीं है और वे मजबूर हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार और नगर निगम कई बार पुनर्वास योजनाएं भी लेकर आए हैं, ताकि प्रभावित लोगों को वैकल्पिक और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराया जा सके।
मुंबई जैसे महानगर में सुरक्षित आवास सुनिश्चित करना एक चुनौती है। इसके लिए न केवल खतरनाक इमारतों को जल्द हटाना आवश्यक है, बल्कि नए आवासीय प्रोजेक्ट्स और बेहतर नियोजन की भी जरूरत है। नागरिकों को भी इस मामले में प्रशासन का सहयोग करना होगा और अपने जीवन व सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। (Risk Alert)
इस पूरे मुद्दे पर विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को सिर्फ खतरनाक इमारतों की पहचान तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि पुरानी इमारतों के पुनर्निर्माण और उचित रखरखाव पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे लंबे समय में शहर के आवासीय ढांचे को मजबूत और सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
कुल मिलाकर, मुंबई में इन 134 खतरनाक इमारतों की समस्या गंभीरता से ली जानी चाहिए। वांद्रे, खार और गोरेगांव में विशेष रूप से प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि बारिश के मौसम में किसी अप्रिय हादसे से बचा जा सके। इसके साथ ही, आम जनता को भी सतर्क रहना होगा और खतरे की चेतावनी मिलने पर तुरंत कदम उठाने चाहिए। यह कदम मुंबई को एक सुरक्षित और बेहतर शहर बनाने में मददगार साबित होंगे। (Risk Alert)
Also Read : Convict’s Proposal: सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर लगाई रोक