महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर ने तांडव मचाया था। लेकिन उद्धव (Uddhav Thackeray) सरकार द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के कारण महाराष्ट्र में कोरोना कंट्रोल होते हुए दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना को नियंत्रण करने के लिए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर विशेष ध्यान दिया था। वहीं अभी भी सरकार टेस्टिंग पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे रही है। इसी वजह से स्थानीय प्रशासन मुम्बई से सटे भायंदर में लोगों का आरटीपीसीआर -एंटीजन टेस्ट कर रही है। वहीं बिना टेस्टिंग के लोगों को सरकारी बसों में प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है।
पर इस टेस्टिंग प्रक्रिया के कारण आम आदमी परेशान है। आज जनता की इसी परेशानी को मेट्रो मुम्बई ने जाना है। मेट्रो मुम्बई की रिपोर्टर स्वाति द्विवेदी ने मुम्बई से सटे भायंदर पूर्व में टेस्टिंग की प्रक्रिया से परेशान लोगों ने बात करते हुए बताया कि, ‘कोरोना के नाम पर हमें जबरदस्ती यहां टेस्टिंग के लिए पकड़ कर बैठा दिया गया है। क्या हर हफ्ते हम टेस्टिंग ही कराते रहें? काम -धंधा नहीं करें। चार महीने पहले भी मैंने टेस्टिंग कराई थी। उस दौरान भी कुछ नहीं आया था।
वहीं टेस्टिंग करने वाले लोगों ने बताया कि, ‘सरकारी बसों में सफर के कारण कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। वहीं कल 400 लोगों की टेस्टिंग की गई थी। जिसमें तीन मरीज पॉजिटिव पाए गए थे।
बता दें कि, कोरोना के लगातार घटते मामलों के बाद सरकार से अनलॉक की मांग की जा रही है। वहीं अनलॉक को लेकर महाविकास आघाडी सरकार के घटक दलों के बीच एकमत नजर नहीं आ रही है। जिसके कारण अब तक अनलॉक को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
Report by : Rajesh soni
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