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हिंसा को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के पत्र पर उद्धव ठाकरे ने नहीं किया हस्ताक्षर

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रामनवमी से लेकर हनुमान जयन्ती तक देश भर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में 13 विपक्षी नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)ने हस्ताक्षर नहीं किये थे। इस पत्र में सोनिया गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी और 13 अन्य विपक्षी नेताओं के हस्ताक्षर थे। पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में हिंसा पर बात क्यों नहीं कर रहे हैं? ऐसा प्रश्न पूछा गया।

पिछले दिनों देश में हुई हिंसक घटनाओं के संबंध में एक पत्र लिखा गया है और उसी पत्र पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हस्ताक्षर नहीं है। इसको लेकर चर्चा हो रही है कि उद्धव ठाकरे ने हिंदू वोटों के बंटवारे के डर से हस्ताक्षर नहीं किए।

मुख्य विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी को पत्र लिखकर पूछा है कि देश भर में जारी हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? पत्र में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल की ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्ताक्षर हैं। सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए।
सूत्रों ने बताया कि सभी विपक्षी नेताओं ने छह घंटे तक उद्धव ठाकरे के पत्र पर हस्ताक्षर करने का इंतजार किया।

राज ठाकरे द्वारा मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को लेकर आक्रामक रुख अपनाने के बाद से राज्य में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। ऐसे में अगर उद्धव ठाकरे ने चिट्ठी पर दस्तखत किए होते तो बीजेपी और राज ठाकरे को मुद्दा मिल जाता। इसलिए चर्चा है कि हिंदुओं वोटों के बंटवारे के डर से उद्धव ठाकरे ने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए।

Reported BY :- Rajesh Soni

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