संत ज्ञानेश्वर माउली के जन्मस्थान पैठण तालुका के श्रीक्षेत्र आपेगाव यहां पिछले 842 सालों (Years) से शुरू पंढरपुर की पालकी परंपरा को प्रशासन ने कोरोना के चलते अनुमति नहीं दी है। जिसके विरोध में ज्ञानेश्वर विष्णु महाराज कोल्हापुरकर के नेतृत्व में सोमवार को अनेक वारकरियों ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।
अपेगांव संत निवृतिनाथ, ज्ञानेश्वर मौली, सोपान और मुक्ताई का जन्मस्थान है।
पंढरपुर डिंडी वारी की परंपरा साढ़े आठ सौ साल से चली आ रही है। कोरोना काल में पिछले दो साल से हम मौली डिंडी को लेकर सरकारी स्तर पर ईमेल, पत्रक, बयान और आमने-सामने मिल चुके हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने अपेगांव में मौली डिंडी को शामिल नहीं किया है।
इसलिए वारकरियों में असंतोष व्यक्त किया जा रहा है। इसके विरोध में ज्ञानेश्वर विष्णु महाराज कोल्हापुरकर ने कई वारकरियों के साथ सोमवार को ज्ञानेश्वर मौली मंदिर अपेगांव में खुद को आग लगाने की चेतावनी दी है। मीडिया से बात करते हुए कहा गया है कि इसकी पूरी जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार की रहेगी.
Report by : Rajesh Soni
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