एक तरफ महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Corona) संक्रमण बेकाबू होता नजर आ रहा है। राज्य सरकार की तमाम पाबंदियां कोरोना (Corona) वायरस को फैलने से रोकने में बेअसर हो गई है। वहीं महाराष्ट्र (Maharashtra) की महाविकास आघाडी सरकार इस संकट के दौर में भी केंद्र से वैक्सीन, ऑक्सीजन और दवाई को लेकर लड़ने में व्यस्त है। महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमेडिसिवर इंजेक्श को लेकर केंद्र सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लागये हैं।
नवाब मलिक ने केंद्र सरकार को राज्य में रेमेडिसिवर इंजेक्शन की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि, ‘यह दुखद और चौंकाने वाला है कि जब महाराष्ट्र सरकार ने रेमेडिसिवर के लिए 16 निर्यात कंपनियों से पूछा, तो हमें बताया गया कि केंद्र सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र को दवा की आपूर्ति नहीं करने के लिए कहा है। इन कंपनियों को चेतावनी दी गई, अगर उन्होंने ऐसा किया तो, उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा
उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि, ‘इन परिस्थितियों में यह एक खतरनाक मिसाल है। महाराष्ट्र सरकार के पास इन निर्यातकों से रेमेडिसविर के स्टॉक को जब्त करने और जरूरतमंदों को आपूर्ति करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
इसके अलावा उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि, ‘हमारे देश में 16 निर्यात उन्मुख इकाइयाँ हैं, जिनमें 20 लाख शीशियाँ रेमेडिसिवर की हैं, क्योंकि अब निर्यात पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है, ये इकाइयाँ हमारे देश में इस दवा को बेचने की अनुमति मांग रही हैं, लेकिन केंद्र सरकार इससे इनकार कर रही है।
वहीं उन्होंने अपने और एक ट्वीट में लिखा कि, ‘सरकार का कहना है कि इसे केवल 7 कंपनियों के माध्यम से बेचा जाना चाहिए जो इसका उत्पादन कर रही हैं। ये 7 कंपनियां जिम्मेदारी लेने से इनकार कर रही हैं। यह निर्णय लेने वाला संकट है।
जबकि इस दवा की आवश्यकता और उपलब्धता है। इस समय त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता है। इस समस्या को हल किया जाना चाहिए और शीशियों को सभी राज्यों के सरकारी अस्पतालों में तुरंत आपूर्ति की जानी चाहिए।
Report by : Rajesh Soni
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