हमारे देश में गरीबी के कारण लाखों बच्चें हर साल कुपोषण का शिकार होता हैं। ऐसे ही हजारों दूध (Milk) पीते कमजोर और निर्बल बच्चें मुम्बई (Mumbai) की सड़कों पर भी नजर आ जाते हैं। ऊपर से कोरोना (Corona) के चलते लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के कारण इन बच्चों को रोजाना दूध (Milk) तक नसीब नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण ऐसे छोटे बच्चें भूख के मारे रात भर रोते हैं।
इस दर्द को हमारे मेट्रो मुम्बई (Metro Mumbai) के एडिटर इन चीफ इंद्रपाल चतुर्वेदी (Indrapal Chaturvedi), चैनल के एसोसिएट डायरेक्टर निखिल मोरसवाला(Nikhil Morsawala) और भारतीय किसान मोर्चा के नेता राम कुमार पाल (Ram Kumar Pal) ने समझा और महज चार दिनों के भीतर अथक प्रयासों से गरीब हितैषी ‘मिशन मिल्क’ (Mission Milk) की शुरुआत कर दी। इस मिशन (Mission) का उद्देश्य फुटपाथ और सड़क पर जिंदगी गुजर बसर करने वाले दूध (Milk) पीते बच्चों को लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान दूध मुहैया कराना है। ताकि उनकी इम्युनिटी (Immunity) को बढ़ाया जा सके। क्योंकि कोरोना (Corona) की तीसरी लहर से सबसे ज्यादा बच्चों को ही खतरा है।
इस मिल्क मिशन (Mission) का आज तीसरा दिन था। आज फिर मेट्रो मुम्बई (Metro Mumbai) के रिपोर्टर राजेश सोनी (Rajesh Soni) और सुधांशु मिश्रा ने बोरीवली पूर्व और पश्चिम में फुटपाथ पर रहने वाले गरीब बच्चों को मुफ्त में दूध और बोतल वितरित की। दूध मिलने के बाद इन गरीब बच्चों के चेहरे पर खुशी देखने लायक थी। इन बच्चों की प्यारी सी मुस्कान को देखकर हमें हमारा मिशन बहुत ज्यादा संतोष देता है।
हमारे मेट्रो मुम्बई (Metro Mumbai) के सभी साथी कोरोना के बीच जान जोखिम में डालकर गरीबों को दूध बांटने के लिए रोजाना सड़कों पर उतरते हैं। हमारे इस गरीब हितैषी मिशन (Mission) को जनता का बेहतरीन प्रतिसाद मिल रहा है। कई लोगों ने हमारे इस मिल्क मिशन (Metro Mumbai) से जुड़ने में दिलचस्पी भी दिखाई है। हमारी आगे गरीब बच्चों को दूध के साथ-साथ बिस्किट देने की भी योजना है। क्योंकि गरीब बहते हुए आसुंओं को बेबसी में पी जाता है। बच्चों के लिए दूध की तलाश में गरीब बच्चों के मां-बाप पुलिस के डंडे खाते है ! पैसे की इस दुनिया में गरीब मर जाता है। नहीं मिली तो रो -रोकर भूखे पेट ही सो जाता है।
Report by : Rajesh Soni
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