पिछले कुछ दिनों से मेट्रो मुंबई (Metro Mumbai) का मिशन मिल्क (Mission Milk) जोरो शोरो में चल रहा है, मिशन मिल्क (Mission Milk) के कारन हमारी टीम की मुलाक़ात रोज़ हज़ारो बच्चो से होती है और दूध पाने के बाद उनके और उनकी माँ के चेहरे का सुकून देख कर एक अलग ही ख़ुशी महसूस होती है, रोज हमारी मुलाक़ात एक 5 साल के बच्चे से होती है जो कांदिवली (Kandivali) के ठाकुर विलेज (Thakur Village)में एक पेड़ के नीचे अपने परिवार के साथ रहता है और जैस तैसे अपना जीवन गुज़ारता है,यह परिवार पेड़ के निचे ही चूल्हे पे खाना भी बनाते है, यह बच्चा रोज मुझसे रिमोट वाली एरोप्लेनकी डिमांड करता था और आज जब यह मेरे पास दूध लेने आया तब भी मुझे कही न कही लगा की ये किसी खिलौने की ही मांग करेगा लेकिन नहीं इसके आंखो में नजर आ रहा था की वह मुझसे कुछ और चाहता है जब मैं उसे दूध देने गई तो दूध लेने के बाद बड़े ही मासूमियत से उस बच्चे से कहा की आंटी राशन ख़तम होगया है, जल्दी से राशन लाकर दोगी क्या?
बच्चे की बात सुन हमारा दिल पसीज गया और हमने तुरंत परिवार के लिए राशन की व्यवस्था की, और राशन पाता ही बच्चा सीधा खुशी से अपने पिता के पास राशन लेके गया, बच्चे से जब हमने पूछा की कोरोना (Corona) वायरस क्या होता है तो तोतली आवाज में उसका कहना था की कोरोना (Corona) बारीक बारीक कीड़ा होता है जिससे उससे बिल्कुल दर नही लगता।
एक तरफ तो जहा केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही गरीबों को मुफ्त में राशन बाटने की बात करते है लेकिन हकिउकाट तो इससे बिलकुल विपरीत है राशन तो गरीबों तक पहोचता ही नहीं।
Report by: Nisha Sunil Thakur
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