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राज ठाकरे और अतुल भातखलकर में कौन सच्चा और कौन झूठा?

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महाराष्ट्र (Maharashtra) नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने कांदिवली (Kandivali) पूर्व (East) से भाजपा विधायक अतुल भातखलकर (Atul Bhatkhalkar) को लेकर बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। राज ठाकरे के मुताबिक 2009 के विधानसभा चुनाव में अतुल भातखलकर मुझसे टिकट मांगने आए थे। राज के इस खुलासे से सूबे की राजनीति में भूकंप आ गया है। हालांकि अतुल भातखलकर ने राज ठाकरे के इस दावे को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया।लेकिन राज ठाकरे के इस खुलासे के बाद मनसे और भाजपा नेताओं के बीच जोरदार जुबानी जंग शुरू हो गई।

अब मनसे के नेताओं ने अतुल भातखलकर पर तीखा निशाना साधा है। मनसे नेताओं ने एक वीडियो शेयर कर आरोप लगाया है कि, ‘अतुल भातखलकर मुंह के बल गिरे हैं। आइये इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।

दरअसल, राज ठाकरे ने दैनिक सत्ता के एक वेबिनार में हिस्सा लिया था। इस दौरान राज ठाकरे से सवाल पूछा गया कि, ‘आपको लोग क्यों छोड़कर चले गए? इसी सवाल का जवाब देते हुए राज ठाकरे ने कहा कि, ‘जो छोड़कर गए उनकी एक दिन चर्चा होती है। जो छोड़कर गए उनके लिए बुरा भी लगता है। मेरे लिए आये पर स्थानीय बातों के लिए छोड़कर चले गए।

उन्होंने आगे कहा कि, ‘ऐसी मुझे एक भी राजनीतिक पार्टी बताइए? जहां शुरुआती दौर में नेताओं ने पार्टी ना छोड़ी हो? चाहे वो शिवसेना हो या भाजपा या और कोई?

वहीं भातखलखर के संदर्भ में राज ठाकरे ने कहा कि, ‘मैंने भातखलकर से कहा कि ऐसा पागलपूर्ण भरा कदम ना उठाएं। मैं आपको 2009 के विधानसभा चुनाव के दौरान की बात बताता हूं। भाजपा के अतुल भातखलकर मुझसे विधानसभा का टिकट मांगने आए थे। वहीं भाजपा के ही लोखंडे नाम के एक और नेता मेरे पास टिकट मांगने आये थे। जिसके बाद मैंने नितिन गड़करी को फ़ोन किया। उन दोनों को मैंने समझाया ऐसा मत करो। जिस पार्टी के कारण आपको पहचान और प्रतिष्ठा मिली। गुस्से के कारण उस पार्टी को छोड़ने का फैसला लेना ठीक नहीं है, अभी जहां हो, वहीं रहिये। ऐसा मूर्खपना मत करो। इस बातचीत के दौरान दो आदमी उपस्थित थे। उन्हें मैं गंवा के तौरपर खड़ा कर सकता हूं। ऐसा राज ठाकरे ने बताया।

इससे कुछ वर्ष पहले भी एक जनसभा के दौरान राज ठाकरे ने सार्वजनिक तौरपर कहा था कि, ‘भाजपा के अतुल भातखलकर को मनसे में आना था। उस सभा में राज ठाकरे ने कहा था कि, ‘अतुल भातखलकर मेरे घर पर चार दिन आकर बैठे थे। उन्होंने मुझे कहा कि, ‘भाजपा में मुझे नहीं रहना है। जिसके बाद मैंने उन्हें समझाया कि, ‘जिस पार्टी ने आगे बढ़ाया, उसी में रहिये।

हालांकि राज ठाकरे के इस दावे को अतुल भातखलकर ने खारिज करते हुए कहा कि, ‘राज ठाकरे जैसे बड़े नेता को ऐसा शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि, राज ठाकरे के यह आरोप बिल्कुल झूठा और असत्य है। इससे पहले भी राज ठाकरे ने ऐसे कई आरोप लगाएं थे। पर मैंने हमेशा उनके आरोपों को नजर अंदाज किया। उन्हें 2009 की बात का जिक्र 2021 में करना पड़ रहा है। इससे मैं कह सकता हूँ कि मेरी राजनीतिक ताकत बहुत बढ़ गई है। अपने इंटरव्यू में सनसनी पैदा करने के लिए मेरे नाम का उपयोग करना ये राज ठाकरे जैसे बड़े नेता को शोभा नहीं देता। मैं भारतीय जनता पार्टी में था, हूँ और पूरी उम्र रहूंगा। मेरे लिए भाजपा को छोड़ना, मां का त्याग करने जैसा है। मैंने यह बात उस समय भी कही थी और आज भी कहता हूँ।

पर अतुल भातखलखर के दावे को मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने झूठा बताते हुए लिखा कि, ‘हमारा राजा आपके राजा की तरह झूठ नहीं बोलता है। इसी के साथ उन्होंने एक पुराना वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो में नितिन गड़करी कह रहे हैं कि ‘राज ठाकरे ने मुझे फ़ोन किया था। उन्होंने बताया कि, भाजपा के उम्मीदवारों ने चुनाव से पहले मुझसे संपर्क किया था। यह बात राज ठाकरे ने मुझसे कही थी। इस बात की पुष्टि नितिन गडकरी ने भी की थी। अब इसी वीडियो के बाद अतुल भातखलकर के पार्टी नहीं छोड़ने के दावे पर कन्फ्यूजन पैदा हो गया है। अब लोगों के मन में यह भी विचार आ रहा है कि अतुल भातखलकर झूठ बोल रहे हैं या सच?

Report by : Rajesh Soni

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