कोरोनाताजा खबरेंदुनियादेशमहाराष्ट्रमुंबईराष्ट्रीय

मुंबई में निजी अस्पताल लगा रहे है वैक्सीनेशन कैंप।

133

एक तरफ मीरा-भाईंदर दिव्यान्न 18-44 आयु वर्ग के लिए वैक्सीन (Vaccine) ‘ढूंढ’ रही है, दूसरी तरफ नासदिकी अस्पताल (Hospital) में टीकाकरण कैंप लगा रहे हैं। दिव्यान्न् का 45 आयु वर्ग का टीकाकरण कार्यक्रम भी ‘जैसे-तैसे’ ही चल रहा है। मनपा को बहुत कोशिशों के बाद भी वैक्सीन नहीं मिल रही है। तो नजदीकी अस्पताल अपनी मनमानी दामों में वैक्सीन बेच रहे हैं।

मीरा-भाईंदर की काफी रहिवासी इमारतों में निजी अस्पतालों के मदद से वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं। खुद विधायक गीता जैन कैंप लगवाने में सहायता कर रही हैं। उन्होंने बताया कि निजी अस्पताल एक डोज के 750 रुपये ले रहे हैं। वहीं, लोगो का कहना है कि कई निजी अस्पताल एक डोज का 1,200 रुपये ले रहे हैं।

इस तरह के वैक्सीनेशन कैंप पर सवाल उठने लगे हैं। कई सामाजिक संस्थाओं ने इस बारे में अभिकर्ता को पत्र लिखा है। नरेंद्र गुप्ता कहते है कि जब मनपा प्रशासन को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है, तो निजी अस्पतालों को वैक्सीन कैसे उपलब्ध हो रही है? ऐसे कैंपों के नामों पर खुलेआम वैक्सीन की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है।

मनपा को वैक्सीन न मिलने के बारे में उपायुक्त संभाजी वाघमारे से कॉन्टेक्ट करने को कोशिश की, लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो पाई। सूत्र बताते हैं कि मनपा को वैक्सीन न मिलने में उनकी नीति रुकावट बन रही है। वैक्सीन के विकृति अग्रिम भुगतान की डिमांड कर रहे हैं, जबकि मनपा टेंडर के सोर्स से से वैक्सीन मिलने के बाद भुगतान करती है।

वैक्सीन पर कोई नीति न होने से इसकी ब्लैक मार्केटिंग होने की संभावना बढ़ती जा रही है। डॉ. राजेश शुक्ला कहते हैं कि सरकार को वैक्सीन को लेकर केंद्रीकृत नीति और योजना बनाने की जरूरत है। इसके कमी में वैक्सीन को माननी दामों में बेच रहे होंगे।

Report by : Aarti Verma

Also read : मुम्बई से सटे भायंदर में जबरदस्ती कोरोना टेस्टिंग से आम आदमी परेशान

Recent Posts

Advertisement

ब्रेकिंग न्यूज़

x