महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ अजा/अजजा (अत्याचार रोकथाम) एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में उन्हें गिरफ्तार 22 जून तक नहीं करेगी। सोमवार को इस बारे में बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया गया।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दारियस खम्बाटा ने उच्च न्यायालय को बताया कि, उनके पहले के बयान के मुताबिक, इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह की किसी भी वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह को दंडात्मक कार्यवाही से रक्षा की बात को बढ़ा दिया गया है। फिलहाल इस समय को २२ जून तक बढ़ा दिया गया है। न्यायमूर्ति एसपी तावड़े और न्यायमूर्ति पीबी वराले ने खम्बाटा के कहने पर इस मामले की सुनवाई को २२ जून तक स्थगित कर दी है।
सिंह की याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी जिनमें उन्होंने ठाणे पुलिस द्वारा उनके खिलाफअजा/अजजा (अत्याचार रोकथाम) एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की, एवं उन्होंने राज्य सरकार के द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई प्रारंभिक जांचों को चुनौती दी।
अकोला पुलिस थाने में निरीक्षक बीआर घाडगे की शिकायत पर सिंह के खिलाफ इस माह अप्रैल में अजा/अजजा (अत्याचार रोकथाम) एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। एससी जाति से आने वाले घाडगे ने आरोप लगाया कि, एक आपराधिक मामले में कुछ आरोपियों को फायदा पहुंचाने के सिंह के गैरकानूनी आदेशों का पालन करने से उन्होंने माना कर दिया था। जिसके बाद सिंह ने दूसरे लोगों के साथ मिलकर वसूली के कुछ मामलों में उन्हें फंसाने की साजिश रची।
एक और याचिका में सिंह ने राज्य सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों में उनके खिलाफ शुरू की गई दो जांच को चुनौती दी।
Report by : Aarti Verma
Also read : नालासोपारा की महिला ऑटो रिक्शा ड्राइवर बनी महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत